AYURVEDIC नुस्‍खों के भी होते हैं SIDE EFFECTS - Health Tips Sky

Sunday 11 February 2018

AYURVEDIC नुस्‍खों के भी होते हैं SIDE EFFECTS




AYURVEDIC नुस्खों को SIDE-EFFECTS से परे माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कुछ औषधियां ऐसी भी हैं जिनके प्रयोग से SIDE-EFFECTS भी होता है, अगर आपकेा विश्वास नहीं तो ये स्लाइडशो पढ़ें और खुद जान जायें।

AYURVEDIC नुस्खों के भी होते हैं SIDE EFFECTS (Ayurvedic prescriptions also have side effects)






अक्सर हम सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान किचन में मौजूद मसालों, जड़ी बूटियों या सब्जियों से कर लेते हैं। हालांकि आयुर्वेद इन जड़ी बूटियों के उपयोग को सही मानता है। लेकिन वैज्ञानिक इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं होते, उनका मानना है कि हर AYURVEDIC नुस्खा शरीर के लिए फायदेमंद हैं इस बात को नहीं माना जा सकता है। साथ ही उनका यह भी कहना है कि अति हर चीज की बुरी होती है। सेहत को दुरुस् रखने वाली जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करते समय हमें उसकी सही मात्रा के बारे में जानकारी नहीं होती। और अधिक लेना हमारे लिये नुकसानदायक हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आयुर्वेद पूरी तरह से सुरक्षित हैयह एक मिथ है। प्राचीन शोधों में यह दावा कभी नहीं किया गया कि AYURVEDIC दवाइयों के दुष्प्रभाव नहीं हैं या उन्हें विशेषज्ञ के मार्गदर्शन के बगैर लिया जा सकता है। आइए घरेलू उपचार और AYURVEDIC दवाओं में इस्तेमाल होने वाली चीजों के नुकसान के बारे में जानें।


1. एलर्जी का कारण करेला (Cause of allergies)


माना जाता है कि करेले का रस ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसलिए डायबिटीज के मरीज को करेला खाने की सलाह दी जाती है।


SIDE-EFFECTS : लेकिन क्या आप जानते हैं कि करेले के ज्यादा सेवन पाचन तंत्र को खराब कर सकता है और इससे एलर्जी भी हो सकती है। करेले का बीज में लेक्टिन नामक तत्व है जो आंतों तक प्रोटीन के संचार को रोक सकता है। करेले के अत्याधिक सेवन से हेमोलाइटिक एनीमिया हो सकता है। इसके अलावा करेले के रस में मोमोकैरिन नामक तत्व होता है जो पीरियड्स के फ्लो को बढ़ा देता है।


2. पाचन तंत्र के लिए नुकसानदायक गिलोय (Damage to the digestive system)


अमृत बेल गिलोय को अमृता भी कहा जाता है। माना जाता है कि गिलोय में डायबिटीज से लड़ने के गुण होते हैं और यह चीनी खाने की इच्छा को कम करता हैं। साथ ही इसके बीजों में जाम्बोलिन नाम का केमिकल पाया जाता है जो ब्लड और यूरिन में मौजूद शुगर को कम करता है।


SIDE-EFFECTS : लेकिन क्या आप जानते हैं कि गिलोय के अधिक सेवन से यह शुगर लेवल का प्रभावित कर पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही यह कब् का कारण भी बनता है। इसके अलावा गिलोय प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित कर इसे और अधिक एक्टिव करता हैं। इस तरह से यह ल्यूपस, मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस, और रुमेटाइड अर्थराइटिस जैसी स्व-प्रतिरक्षित बीमारियों के लक्षणों को बढ़ा देता है।


3. लीवर को नुकसान पहुंचाये दालचीनी (Cinnamon harm the liver)


गर्म मसालों और औषधि के रूप में इस्तेमाल होने वाली दालचीनी का इस्तेमाल हम कई समस्याओं को दूर करने के लिए लेते हैं। चाहे वह वजन कम करना हो, या पाचन तंत्र को बेहतर बनाना हो या फिर डायबिटीज को कंट्रोल में करना हो। माना जाता है कि दालचीनी में मौजूद हाइड्रॉक्सीकेलकोन इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाता है और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करता है।
SIDE-EFFECTS : क्या आप जानते हैं कि दालचीनी में लगभग 5 प्रतिशत कॉमरिन पाया जाता है, इसलिए इसके अधिक सेवन से लीवर को नुकसान हो सकता है।


4. सूजन का कारण मेथीदाना (Due to swelling cause fenugreek)


मेथी के छोटे और पीले दाने सख्त और स्वाद में कसैले जरूर होते हैं लेकिन स्वास्थ्य के लिए अमृत से कम नहीं हैं। इसका उपयोग डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और पेट संबंधी समस्या में फायदेमंद होता है। मेथीदाना का उपयोग डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है। माना जाता है कि इसमें मौजूद सैपोनिन्स भोजन के बाद कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा करके इंसुलिन के स्तर को बेहतर बनाता है।
SIDE-EFFECTS : लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेथी का स्वभाव गर्म होता है। अधिक मात्रा में खाने से पित्त को बढ़ती है इससे गैस, सूजन और दस्त की समस्या हो सकती है और इससे खून पतला होने का जोखिम भी रहता है।


5. पाचन तंत्र कमजोर बनाये जामुन (Make the digestive system weak)


ज्यादातर लोग डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए जामुन का सेवन करते हैं। कहा जाता है कि इसके बीजों में जाम्बोलिन नामक रसायन पाया जाता है जो शुगर लेवल को कम करता है। और डायबिटिज को कंट्रोल करने में मदद करता है। विभिन्न प्रकार के मिनरल जैसे कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और विटामिन सी अच्छी मात्रा में है। इसकी वजह से यह हड्डियों के लिए फायदेमंद तो है ही, साथ ही शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को भी बढ़ाता है।

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